जैसे की ज्वार,मक्का,बरसीम,रिज्का,जोई इत्यादि और भी कई तरह की हरी घास हम अपनी गायों को खिलाने में उपयोग कर सकते हैं।
( सूखा चारा )
जैसे की मूँगफली चारा,ग्वारफली चारा,गेहूँ का भूसा आदि गायों को खिलाने में ज्यादा इस्तेमाल किये जाते हैं।
इसके अलावा मौठ का चारा जिसे बगदा भी बोलते हैं,बेरी के पत्तों का चारा आदि भी गायों को खिलाने में इस्तेमाल किये जाते हैं।
अब आपके यहाँ जो भी चारा ज्यादा पाया जाता हो और सही भाव में मिलता हो वो चारा आप अपनी गायों को खिलाने में उपयोग कर सकते हैं।
इन चारों में सर्दी - गर्मी के हिसाब से काफी लोग बदलाव भी करते रहते हैं जैसे की ग्वारफली के चारे को लोग गर्मी में कम उपयोग करते है क्योंकि इसकी तासीर गर्म बताई जाती हैं जिसको खाने से गायें गर्मी ज्यादा करती हैं जिसके कारण गायें गर्मी में हाँफती है और गायों के गर्भपात होने का भी खतरा रहता हैं।
एक बात और के ग्वारफली के चारे में हार्ड लकड़ी के टुकड़े भी आते हैं जो हमारी गायों के गले में अटक भी सकते हैं।
मेरा यही कहना है के जब भी आप ग्वारफली का चारा खरीदें तो अच्छी क़्वालिटी का ख़रीदे जिसमें लकड़ी की तादाद कम हो और फली की तादाद ज्यादा हो और फंगस ना हो क्योंकि ग्वारफली के चारे में ज्यादा फंगस होती है तो जब आपकी गायें इस चारे को खाती हैं तो जो फंगस हैं वह उनके फेफड़ों में जमा होने लगती है जिसके कारण आपकी गायों को पतले दस्त लग सकते हैं जो की बहुत नुकसान दायक होते हैं।
मान लीजिये के आप के यहाँ ग्वारफली का चारा ही ज्यादा पाया जाता हो तो आप ग्वारफली के चारे के साथ अपनी गायों को हरी घास जरूर दे ताकि आपकी गायों को कोई नुकसान ना हो और आपकी गायें गर्मी ना करें।
मूँगफली चारा लोग अपने पशुओं को रेगुलर खिलाते हैं इसमें प्रोटीन भी पाया जाता है इसलिए अगर आप सिर्फ मूँगफली का चारा ही अपनी गायों को खाने को देते हैं तो हो सकता हैं आपकी कुछ गायें पतला गोबर करें तो आप मूँगफली चारे को खिलाना बंद ना करे बल्कि मूँगफली चारा ( 75 से 80 %) परसेंट और गेहूँ का भूसा ( 20 से 25 %) मिलाकर दे सकते हैं इससे आपकी गायों का गोबर नॉर्मल आने लगेगा।
जब मूँगफली चारे की खरीद करें तो ध्यान रखें के उसमे ज्यादा रेत यानि के मिटटी ना हो क्योंकि इससे आपकी गायों के थनों पर मस्से हो सकते है जिससे हमे दूध निकालते वक़्त दिक्कत हो सकती हैं और ज्यादा मिटटी खाने से गायों को और भी कई रोग होने की संभावना रहती हैं।
एक बात का खास ध्यान रखें के जो आपके पास दुधारू गायें है उनको गलती से भी सिर्फ गेहूँ का भूसा खाने को ना दें क्योंकि सिर्फ गेहूँ के भूसे का इस्तेमाल गायों को ड्राई करने में भी उपयोग लिया जाता हैं।
आप
गेहूँ के भूसे को किसी सूखे चारे या फिर हरी घास में ( 20 से 25 %) परसेंट मिलकर दें तो कोई दिक्कत नहीं हैं लेकिन सिर्फ गेहूँ का भूसा गायों को खिलाने से उनका दूध उत्पादन कम हो सकता हैं।
गेहूँ का भूसा खिलाकर गायों को किस तरह ड्राई किया जाता है यानि ब्याने से पहले उनका दूध सुखाया जाता हैं ये में आगे किसी पोस्ट में आपको विस्तार से बताऊँगा।
There are many types of
green grass we can use to feed cows.
Such as sorghum, maize, barseem, rizka, joi etc. and many other types of green grass we can use to feed our cows.
(Dry fodder)
Such as peanut fodder, guarfali fodder, wheat husk etc. are more used in feeding cows.
Apart from this, the fodder of Mouth which is also called Bagda, the fodder of berry leaves etc. are also used in feeding cows.
Now whatever fodder is found in you and you get it in the right price, you can use that feed to feed your cows.
In these four, many people also make changes according to the winter-heat, such as the use of guarfali fodder in the summer, because its effect is said to be hot, due to which the cows consume more heat due to which the cows gasp in the heat. And cows are also at risk of miscarriage.
One more thing, there is also a piece of hard wood in the fodder of Guarfali which can get stuck in the neck of our cows.
I want to say that whenever you buy guarfali fodder, buy good quality, which has less wood and more pods and no more fungus because there is more fungus in guarfali fodder then when your cows eat this fodder If there are fungus then it starts accumulating in their lungs due to which your cows may get thin diarrhea which is very harmful.
Suppose if you have more Guarfali fodder, then you must give green grass to your cows with Guarfali fodder so that your cows are not harmed and your cows do not heat.
Peanut fodder people feed their animals regularly, protein is also found in it, so if you give only peanut feed to your cows, then maybe some of your cows are thin dung then you should not stop feeding peanut feed You can mix peanut fodder (75 to 80%) and wheat bran (20 to 25%) and this will give your cow dung normal.
When buying peanut fodder, make sure that there is not much sand in it because it can cause warts on your cow's udder, which can cause problems when we are extracting milk and eating too much cows can cause many diseases. There is a possibility of
One thing should be kept in mind that those who have milch cows, do not accidentally eat wheat husks only, because only wheat straw is used to dry cows.
If you give wheat straw to a dry fodder or green grass (20 to 25%) percent, then there is no problem, but feeding wheat straw to cows can reduce their milk production.
I will tell you in detail in a post on how the cows are dried by feeding wheat husk, that is, their milk is dried before calving.
अगली पोस्ट अपने पशुओं को चाटे यानि दाने में क्या-क्या खिलाए।
The next post is to feed your animals what they want.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Comment me if you need any more information